दिवाली का इतिहास और महत्व: इस शुभ अवसर की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी है, जब भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या वापस आए थे। माना जाता है कि अमावस्या के दिन अयोध्या के लोगों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था, साथ ही अपने घरों को रंगोली से सजाया था। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा बहुत श्रद्धा से की जाती है। अक्सर कहा जाता है कि इस दिन वह धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को स्वास्थ्य और सफलता प्रदान करती हैं। इस दिन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, यह दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत के साथ-साथ बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और सबसे प्रिय त्योहार है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली का अर्थ है "दीपों की पंक्ति," और इस दिन लोग अपने घरों को दीपक और मोमबत्तियों से सजाते हैं। त्योहार की तैयारी दिवाली की तैयारियाँ कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। घरों की सफाई, रंगोली बनाना, और खरीदारी करना इस समय की विश