दिवाली का इतिहास और महत्व: इस शुभ अवसर की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी है, जब भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या वापस आए थे। माना जाता है कि अमावस्या के दिन अयोध्या के लोगों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था, साथ ही अपने घरों को रंगोली से सजाया था। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा बहुत श्रद्धा से की जाती है। अक्सर कहा जाता है कि इस दिन वह धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को स्वास्थ्य और सफलता प्रदान करती हैं। इस दिन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, यह दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत के साथ-साथ बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और सबसे प्रिय त्योहार है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली का अर्थ है "दीपों की पंक्ति," और इस दिन लोग अपने घरों को दीपक और मोमबत्तियों से सजाते हैं। त्योहार की तैयारी दिवाली की तैयारियाँ कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। घरों की सफाई, रंगोली बनाना, और खरीदारी करना इस समय की विश
H appiness is often short-lived, but that's what makes it so special. The things we experience for a brief moment tend to be the ones we cherish the most. Whenever you find yourself happy, take a moment to appreciate the magic of it—how the universe made it possible, even when you had doubts or decided to let go. Discovering how everything aligned in your favor can bring a smile to your face. It can feel like part of a divine plan, with certain situations, things, or people entering our lives temporarily to create beautiful memories. We often view life through a limited lens, unaware of what’s truly in store for us. Happiness appears like an unexpected advertisement—brief and fleeting. The most memorable moments are like those catchy ads that resonate with us deeply. Sometimes, our joyful experiences vanish in the blink of an eye because we take them for granted, mistaking them for routine. That’s why it’s important to make a conscious effort to list our most treasured moment